केहन फूल रोपलौं हम , नई फूलते धैलक ऽ दम ! केहन जनम लेलौं हम , नई हँसैत रोबैत छी हम !! सपना बहुत देखलौं नयन सँ , कखनो नई रहलौं जीवन में चयन सँ ! द…
Read moreएक गाउँमें प्रौढ़ कक्षा के पढ़ाई चैल रहल छल। ऊ कक्षामें गाउँ के महिला सब पैढ़ रहल छल। सब महिला घोघ तानिक ऽ आबैत छल। एक दिन सर " छिमेकी " पाठ पढ़ैलक ऽ…
Read moreसंगे जीयब और संगे मरब हम , कोनो मोड़ प ऽ अहाँक ऽ साथ नै छोड़ब ! छोड़ परै त ऽ हम अप्पन सांस छोड़ि ऽ देब , मुदा, मैरतो दम तक अहाँक ऽ साथ नै…
Read moreसंजु सीरियस मिथिलाञ्चल शायरी के मेम्बर रचनाकार संजु सीरियस जी के रचना सब स्टेप By स्टेप पढ़ि सकैत छी। आ मिथिलाञ्चल शायरी पर अपने सब मैथिली में रचना, शा…
Read more© All Copyrights reserved to Mithilanchal Shayari | Designed by Anand Sharma
Social Plugin