सुनिते मूंह में आयल पानि' फाँकि के बैसलौंह हम जमैन। भोज हेतै आई टोले में बटत रसगुल्ला डोले में । खेबै हम तs गोटेक सोरे देखल जेतै फेर भोरे-भ…
Read moreचल-चल बौवा हर जोतैला ? ले हरबाही पैना रौं आब आबारा जेका घुम्ला सँ पेट नै भरतौं बौवा गुज्जर जै तौ कोना रौं _____________________________________…
Read moreउगि गेल चौठी के चान खाली हाथ नै देखू कियो हम होई अथवा होई आन ! दही के मट्कुरी लिय या लिय पुरुकिया के पँपथिया सब गोटे कर जोरि करू प्रणाम !! मिथ…
Read moreछवि : विकाश आ नविका भाई-बहिनक प्रेम भरल छै लिअ ने एकरा अर्थ अनेक एक दिन ला' सालमे आबए तें तऽ छै ई पर्व बिशेष । थाल सजल छै लड्डु रखल छै लाल चन्दन…
Read moreहमहुँ जैबौं परिक्रमा माई, बाबू तोरा संगे ना तोसब चलिहा आगा-आगा पाछू-पाछू हमहुँ जैबौ ना तोरा सबके मोटरी बोकबै परिक्रमा हमहुँ घुमब ना पन्द्रह दिनक'…
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