ज्ञानक गठरी खोलि दही न माई बुद्धिक ज्योति बारि दही न माई अज्ञानी के सदैत ज्ञान दैत छिहि तू एस के के सेहो निखारि दही न माई …
Read moreझूठ, गलत अवैध काज सँ रुकू, रोकू अछि फरमान तबहि होत पैघ रोज़ा अहाँक मानू सत्य निष्ठान सँ रमदान …
Read moreदर्द करैत अछि छाती तऽ नोर किएक अछि आँखिमें । राति कारी पसरि गेल तऽ भोर किएक अछि आँखिमें । महानगरक तुमुलनादमें टीस हमर मिझरायल सन , चारु भर …
Read moreहिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई , एत: कहलबैत अछि भाई-भाई ! मिथिलाकऽ संस्कार जनहितमें समर्पित , प्राण जाई मुदा वचन नै जाई !! © एस के मैथिल
Read moreस्वर्गसँ सुनर हमर मिथिला जग प्रसिद्ध जनकपुरधाम सीया-धीया जन्मली जहिठाँ ओएह दिव्य अछि हमर गाम __.✍ विन्देश्वर ठाकुर…
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