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ई शायरी प्राप्त करि !
Read moreअहाँक ऽ चेहरा देख्ते, बेजान देहमें जान आयल ! वर्षहुँ वर्ष बाद आइ ठोर पर मुस्कान आयल !! गुजगुज अन्हारो लागैय हमरा टहटह ईजोरिया ! जेना गगनसँ उतरि ई धर्ती…
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याद बड़ आबैय अप्पन मिथिला, मैथिल हमर नाम ! स्वर्ग सँ सुन्दर पावन यौ भैया, अप्पन मिथिला धाम !! याद बड़ आबैय साथी संगी आ उ बाबा के दलान ! माई कहैत छथि चलिआ …
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