(एक दिन काजू कतरी नाम के डाकू रमौलवाली काकी के घरमे डाका डाले गेल छल) काजू कतरी : है हमरे नाम छथि काजू कतरी और जे कोई भी हमर बिचमें अबैत अछि ओकर …
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Read moreजिनका मानैत छलौं हम , अई दिल के अप्पन रानी ! हमर दिलमें खंज्जर चला क ऽ उ , बैनगेल छथि दूसरक ऽ जिन्दगानी !!
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Read moreवर्षो बित गेल बरसात के , अरमान भरल छल दिलमें सौगात के ! टुटल जब हमर प्रितक ऽ डोर , आँखी सँ गिरल मोतिक ऽ नोर !!
Read moreएकबेर मुस्कुरा के कहि दिय हमरा सँ प्यार अछि अहाँके एकबेर ई कहि दिय की हमर इंतजार अछि अहाँके जिनगी भरि करब हम अहिं सँ प्रेम बस, कहीं दिय की हमर ई बात क…
Read moreरंगमें भिगल लड़की, कि लाल गुलाबी अछि , जे देखैत अछि कहैत अछि, कि माल गुलाबी अछि ! पिछलका साल जे तु भिगैले छले होलीमें , अखन तक निशानी के उ रुमाल गुला…
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Read moreगब्बर : कतेक ऽ आदमी छलैथ ? सांभा : सरदार दू। गब्बर : हमरा गिने नई अबैत अछि, दू कईटा होएत अछि ? सांभा : सरदार दू , एक के बाद अबैत अछि। गब्बर : …
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