नै पुछ मिता कि - कि कहानी छै हमर बालु पऽ साम चढबैत जवानी छै हमर मरुभूमिमे बालुके घोंरस्ँ दही जम्बै छी हम लोक पतीयाइ कहाँ ? …
Read moreछवि : सरिता साह जान की जान सँ बैईढ कऽ मानैत छली ओ छै निर्दय साच्चो हम नै जानैत छली ओ पीठ पाछु छुरा घोपै से हमरा की पता आ हम सदति दुवामे ओकरे माँगैत छल…
Read moreडिजे बजतै डांस होतै आधा राति' सँ पार्टी करबै हबेली पऽ । १४ फरवरी के ब्रेकअप पहिल बर्षगाठ बनेबै हबेली पऽ ।। शाकाहारी, मांसहारी दुनु प्रकारक भरपुर बेवस…
Read moreहमरा संग हाथमे हाथ मिलाके देखु हाथमे मेंहदी हमर नामके रचाके देखु हमरा किए कारी भैसी कहि रहल छी काजल समझिक' अहाँ आँ…
Read moreअहाँके जाईते जग्मगाईत इजोरिया कारी लगैय दिन कटि जाई छै कहुना राति बड़ भारी लगैय छुटलै जहिये अहाँक ठोरक मधुरस के रसपान तहिये सँ आब मिठ भाङ धथुर दारु तारी …
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