सुनिते मूंह में आयल पानि' फाँकि के बैसलौंह हम जमैन। भोज हेतै आई टोले में बटत रसगुल्ला डोले में । खेबै हम तs गोटेक सोरे देखल जेतै फेर भोरे-भ…
Read moreभगवान अहाँ अभिमान हमर, हम मूरख छी अहाँ ज्ञान हमर सुनु विनती हमर हे करुणाकर आबहु त ऽ करू कल्याण हमर ।। भगवान अहाँ अभिमान हमर........ क…
Read moreखगल मलहवा खन कोशी, खन कमला केर तीर टहलल फिरैए भोर साँझ ओ पहिरि पंचरंगा चीर ।। घुमा क ऽ फेकए बोझ परिवारक, घिचए उमेदक जाल। रौदी, गरमी, ख…
Read moreभुखल माई केर आँखि में नोर, बेटा खाई तरल परोर। बापक देह पर नै अंगोछ, बेटा के नै तकर संकोच। पेट काटि के पोसलनि जकरा, से माँगै बस हिस्सा, बखरा।…
Read moreगरम परोठा मक्खन वाला, भोरे-भोर अजमाऊ। आ भोजन में दाईल-भात-घी, तीमनक संग में खाउ। तखनहि भेंटत पूर्ण विटामिन, पोषक तत्व अहाँ पायब। दिनभर उड़…
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