आइ फूल अपन ब्यथा सुनबै अछि ! कोना'क जीवन अपन बितबै अछि !! कांटक बीचमे रहि नमहर भेलै ! आबि'क वो भमहरा रस पीबै अछि !! किनको खोपाके सुन्दरत…
Read moreरहि-रहि क ऽ बाट हम ताकी, राखी सँ सजा रखने छि थारी !! जखन अबै अहि गली में गाड़ी, खिड़की सँ चटहि हुलकी मारी !! नैहर सँ भेजतै माइयो सनेश, भौजी भेजथिन फेर स…
Read moreबिनु अहाँ राति' लगै पहाड़ सन । दिन सेहो सगरो लगै अन्हार सन ।। कतबो दिअ अहाँ भरोसा यौ साजन । लगैय हमरा ओ छुछ दुलार सन ।। घर सँऽ बहराइते सब ताक…
Read moreचलु गौरी फेरो ओहि मिथिला अंगना ! बनल रहियै हम ओतइ उगना !! कैलाशो हमरा आब निक नै लगैया ! मिथिले में रहबै मिल'क दुनु जना !! जहिए सँ हम एलौ भाँ…
Read moreनिज भाषा निज माटि, पानि के, हम सब मिल सम्मान करी ! अपनहि …
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