__. ✍ विन्देश्वर ठाकुर जनकपुर धाम (नेपाल) हाल : दोहा, क़तर - भुली गै ! आइ कोन दिन छै ? - आँए रौ, बुझिक' एना अनठबैछे किए ? सोम नै छै…
Read more__.✍ मो. अशरफ राईन सिनुरजोड़ा, धनुषा (नेपाल) हाल : दोहा, क़तर - समतोलिया एना किया ओहि कात मुह घुमा कऽ सुतल छी ? कनी हमरा दिस घुमू नऽ । - दूर जाउ !…
Read more__.✍ विन्देश्वर ठाकुर जनकपुर धाम (नेपाल) हाल : दोहा, क़तर - अएं ये, सुनैछी? - कि? - नै नै, कहूं त मिथिलाके सब कवि कतारे कोना चलि गेलियै?? - जा…
Read more__.✍ हरेकृष्णा ठाकुर मधुबनी, बिहार हाल : गौहाटी फट..फट..फटफट..गुइं...गू...गूँ.गूँ...आवाज करईत एक टा फटफटिया लाल काकी के ठीक सामने रूकल वा चलेनाहर के…
Read moreछवि : मैथिली गायिका अंजू यादव __✍ राजदेब राज चौहर्वा, सिरहा (नेपाल) हाल : मलेसिया गै चँदा प्रेम केकरा कहै छय ..? रौ तोरा नय बुझहल छौ .…
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