अयोध्या सँ एलै बराती निक-निक पेहान यौ ! राजा जनकजी के आगा ठाढ़ छै श्री राम यौ !! राजा जनकजी के आगा ठाढ़ छै श्री राम यौ !! राम, लक्षमण, भरत, सत्रूधन सब…
Read moreनेह प्रीतक लगाक' मुह मोरि लेलौं किया ! प्रेमक रोग लगाक' अहाँ छोरि गेलौं किया !! मनो नई लगैय इजोरिया राति में हमर जिनगी अन्हार बनेलौं किया ! …
Read moreनै पुछ मिता कि - कि कहानी छै हमर बालु पऽ साम चढबैत जवानी छै हमर मरुभूमिमे बालुके घोंरस्ँ दही जम्बै छी हम लोक पतीयाइ कहाँ ? …
Read moreअपना अस्थाके निरंतरता दऽ रहल छै मैथिल अही प्रकारे जेना बर्षेनी बहैत नदिके पानि' जे शुरुवाती छोडसँ महासागर तक बहैत रहैय अटुट भऽ विज्ञानके निक जकाँ …
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छवि : सरिता साह जान की जान सँ बैईढ कऽ मानैत छली ओ छै निर्दय साच्चो हम नै जानैत छली ओ पीठ पाछु छुरा घोपै से हमरा की पता आ हम सदति दुवामे ओकरे माँगैत छल…
Read moreकखनो रूसनाई कखनो मनेनाई हुनकर कखनो हँसनाई कखनो कननाई हुनकर बाँचल जिनगी एहिना बीतल जाई अछि एक मात्र नोर नहि देखल जाईयै हुनकर । महिन ताग सँ गुँथल अछि सम्…
Read moreई शायरी प्राप्त करि !
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Read moreअइबेर के वैलेंटाइन डे में किछ अलग होतै दबल मोनमे आस छल जे नै भेलै पिछला साल से होतै याद अछि हमरा उ पल दू पंछी के कोना उड़ैल कै कोना कऽकऽ छुपल छलौ मार…
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