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|| हे सरस्वती माँ  ||
|| हमहुँ पढ़बै बाबू ||
|| ई केहन दुनियाँ ?? ||
गज़ल ~ राखी लेने बहीन
गज़ल ~ मित्रताके हाथ कनिक
रचनाकार धनेश्वर ठाकुर