'मिथिला' राज्यकेर हम तऽ, जल्दीएँ निर्माण करबौ माए करए पड़ए हँसि- हँसिकऽ, जानो कुर्बान करबौ माए ॥ __.✍ विद्यानन्द वेदर्दी
Read moreकहिँ हमरो जौ बहिन रहैतियै आइ एहेन नञि दिन रहैतियै॥ बन्हाबितौ रक्षाक' बन्हन हमहुँ, खाली हाथ ई रङ्गीन रहैतियै॥ उतारितै नजैर-गुजैर लगा टिका, जीवनपथ न…
Read moreसँच्चमे अहाँक ओ मोहनी मुस्कानके बुझिए नै सकलहुँ। केहेन पागल छलहुँ जे अन्दाजा तक लगा नै सकलहुँ। आखिरमे प्राकृतिक छल या बनावटी? जे छल जेना छल …
Read moreचुटकीयो भरि लाज-शरम करितौ, सोचि-विचारि कोनो करम करितौ॥ मारैएके छल तऽ जिआ जिआ किए, जमीन भित्तर जिन्दा दफन करितौ॥ जौ होइतै ओ करेजामे दिल अहाँके, दुरीक आ…
Read moreएकटा अहिँके तलासमे छी संग जीयब से आसमे छी॥ अहाँ तनमनमे मात्र कहाँ, हमर एक-एक साँसमे छी॥ दर्द सँ फाटि रहल य हिया, जुनि पुछु कते निरासमे छी ॥ हम पियक्…
Read moreगुमान आबो तऽ छोड़ गे ललिया दिल हमर नञि तोड़ गे ललिया॥ साँचल अप्पन तो प्रेमकऽ नाता, हमरे सङ्गे तु जोड़ गे ललिया॥ सप्पत तोहर आबे नै देबौ हम, आँखिमे कहिय…
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