छवि : नाविका आ रिआन हाथमे राखी ललाट पर चंदन आइ अछि पावन रक्षाबंधन सिनेहक धारमे बहत दुनियाँ कोन कवि करत महिमा मंडन जेबी खाली हेतैक भाइ सभक बहि…
Read moreछवि : विकाश आ नविका भाई-बहिनक प्रेम भरल छै लिअ ने एकरा अर्थ अनेक एक दिन ला' सालमे आबए तें तऽ छै ई पर्व बिशेष । थाल सजल छै लड्डु रखल छै लाल चन्दन…
Read moreकहिँ हमरो जौ बहिन रहैतियै आइ एहेन नञि दिन रहैतियै॥ बन्हाबितौ रक्षाक' बन्हन हमहुँ, खाली हाथ ई रङ्गीन रहैतियै॥ उतारितै नजैर-गुजैर लगा टिका, जीवनपथ न…
Read moreओ दिदी के दुलार छै एखनो ! ओ बहिनक' प्यार छै एखनो !! अलग भेल छी बियाहक' बाद सँ मुदा तैयो बन्धन बान्हल अछि राखीक' त्योहार सँ एखनो !! सदिखन ल…
Read moreइ बन्धन अनमोल अछि ! जे सौसे जगमें सोर अछि !! भाइ बहिनके प्रीतसे बनल ! इ राखीके डोर अछि !! इ कतेक सुनर बोल अछि ! जे भाइ बहिनके जोग अछि !! भाइ बहिनके प्…
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