सुतलामे देखलौं, आई ऐहन सपना राखी लेने बहीन, ठाड छलै अंगना निपल पोतल छलै, घर आ असोरा पिढिया पऽ गढल छलै, पिठारक' छपना काग कुचरैत छलै, आश बढैत छलै बा…
Read more__✍ आनन्द राम राखी सँ छि थाली सजौने, फल फूल मिठाईसँ डलिया । चंदनसँ छि कटोरी सजौने, कखन एत: हमर भइया ।। चिक्नी माटिक' छि चौरा…
Read moreभैया हमरा सँ दूर अछि मुदा मन मे पूर्ण विश्वास अछि रक्षा बन्धन के दिन भैया निश्चय हमरा गाम आएत संग मे प्रेम दूलारक भंडार लाएत [१] आइ मोन बड हर्षित अछि …
Read moreओ हात-हात नै जै हातक' कलाइ प ऽ , बहिन सँ बान्धल राखिक' डोर नै ! भाइ आ बहिनक' रिस्ता जका, कोनो रिस्ता चारु जगतमे कौनो ओर नै !!
Read moreसबहक भाई के देखिक' कनैत होतै दीदी ! बाट' मे नयन बिछाक' दिन गनैत होतै दीदी !! ठोर मुह सुखौने निराश भेल होतै ! जखन चौका लगाव लेल पिठार …
Read moreआएल राखी के त्योहार, संग खुशील'य हजार ! जाएब भैया संग बाजार, किनब समीज सलवार !! थाड़ी आरती के सजाएब, टीका माथा पर लगाएब ! अरिपन अंगना मे बनाएब, ठा…
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