दुनियाकऽ डर सँ कोई , जिय के नई छोड़ैत अछि ! और कनियाँक ऽ डर सँ कोई , पिय के नई छोड़ैत अछि !!
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Read moreजान सँ बैढ़ कऽ हम अहाँके चाहैत छी , अप्पन जीनगी हम अहाँके मानैत छी ! कहियो नै टूटे अप्पन प्रितक ऽ डोर , सैदखन भगवान सँ इहे वर मांगैत छी !!
Read moreतड़ैप रहल छी हम अहाँकऽ बिन , राइत बितैत अछि तारा गिन - गिन ! अहाँ विदेश सँ जँ नै आएब त ऽ , मैर जायब हम अहाँक ऽ बिन !!
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Read moreरिश्ता में प्रेमक ऽ मिठास रहै , नै मिटैवाला एकटा ऐहसाँस रहै ! कहबाक ऽ लेल छोट अछि जीनगी , मुदा, अहाँ बिन जीनगी हमर उदास रहै !!
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Read moreकहिया तक जिबा हो भैया डरि-डरि के ! किया तू जी रहल छा एना मरि-मरि के !! आदर सम्मान सब छीन लेलको तोहर ! बिहुसल आँखि तोहर कानि-कानि के !! सगठे अपमान सब …
Read moreसालक ऽ प्रतिक्षा सभक ऽ दूर भेलै निकलैय चान । मुस्लिम भायक ऽ महान पर्व सुरु भेलैय रमजान । । भरि मास भुख पियास सहि जपतै हुनके नाम । रखने अते विश्वास अल…
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