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प्रेमक ऽ पाठ पढ़ाबिक ऽ अहाँ , चलि गेलौं हमरा सँ दूर ! कि कमी छल हमर प्यार में , जे क ऽ देलौं दिलके चकना चूर !!
Read moreजगमग दीप सँ सजल अप्पन मिथिला , सगरो खुशयाली छायल अछि ! घर - घरमें दीपक ऽ ज्योति सँ , हर घर जगमगायल अछि !! मन हमर बिभोर भेल अछि , खुशयाली देखि …
Read moreई शायरी प्राप्त करि !
Read moreछिप जाइत अछि चाँद बादलमें , अहाँक ऽ सुन्दर नयन देखिक ऽ ! चाँदमे त ऽ हजारो दाग अछि , मुर्झा जाइत अछि चाँद , अहाँके बेदाग सुन्दर चेहरा देखिक ऽ !!
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मुश्कान अहाँके हमर , दिल धड़कबैत अछि ! अहाँक ऽ जुदाई हमरा , बहुत तड़पबैत अछि !!
Read moreमोहनी रुपक' जादुसँ लोभा गेलय, जनबो नै केलयै ओ कखन मन चोरा गेलय ! नै मानय छलौं, गप ऐहनो होबैत अछि, ओ जा'कऽ दुर प्रेमक' ऐहसास करा गे…
Read moreगाम अप्पन त'अ गामे अछि, सहरक त'अ बस नामे अछि। गामक पोखैर उमकि नहायब, मायक हाथक रोटी खायब सबटा आब अरमाने अछि। गाम अप्पन त'अ गामे अछि.…
Read moreजीनगीमें की छै, दर्द छै पीड़ा छै ! हँसी की, खुशी की, गरीबकें एहने कथा छै !! जीनगीमें की अप्पन, अपनों अखन बेपता छै ! साँचे कहैत छि हम, गरीबके एहने कथा …
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