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रौ मिता, रौ संगी, हेरौ यार ! स्वार्थबिना दुनिया छै बेकार !! झुठेके बिया बुनि, झुठेके करे खेती ! दुनिया त ऽ छी झुठ - फुस के व्यपार !! क्षणभरिमें…
Read moreखालू यौ मिता मिथिलाक ऽ पान ! इ जीनगी नै छै एक समान !! जे खैलक मिथिलाक ऽ पान ! उ गबैत अछि एकर गुणगान !! जे नै खैलक मिथिलाक ऽ पान ! उ रहैत अछि सैदखन…
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हसैत ई हिया फेरसँ कठोर भ ऽ गेल ! आँखिक ऽ पानि बहि जखन नोर भ ऽ गेल !! समय छै पैघ बहुते बलवान एत ! प्रकृति ताण्डबसँ एकरे जोर भ ऽ गेल !! दिन दुपहर र…
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हमर नैन सँ नैन मिलाक ऽ अहाँ ! अप्पन नैन में बसा लिअ हमरा !! हजारों भवरा अछि अहाँक ऽ आगा - पाछा, मुदा ! अप्पन श्रृंगार समैझक ऽ सजा लिअ हमरा !! अहाँक…
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