नितदिन ई बन्द हड़ताल किया ? अइ कोठी धान ओइ कोठी चाउर किया ? सत्ताके पाछु मरल गरीब जनता , नेताके चाहि अधिकार किया ? आम नागरिक भेल छै तवाह एत: उ मौज करैय…
Read moreहँसैत - हँसैतमें छीन लैत अछि भत्ता ! फेरसँ जिनगीमें लाधि दैत अछि जत्ता !! कहियो उच तऽ कहियो नीच कैह् के ! एक आपसमें लड़ाबि दैत अछि सत्ता !! ख…
Read moreहृदयमें घर बनाक ऽ प्रेमक ऽ संगीत सँ सजेलौं अहाँ ! फेर नाजुक दिल हमर तोड़ि कत चलि गेलौं अहाँ !! हर एक साँस प ऽ अहिंके नाम लिखने छलौं प्रिय ! स्नेहक ऽ …
Read moreआँखि बंद करैत छी तऽ , अहिंक ऽ चेहरा नज़र अबैत अछि ! नजाने किया हर जगह हमरा , अहिंक ऽ तस्बिर नज़र अबैत अछि !!
Read moreप्रेमक पटरी पर चहड़ि गेलौं, अहाँक हाथ पकड़ि लेलौं ! चाहे दुनियाँ आब किछ कहे, हम तऽ अहाँके जीवनसाथी मानि लेलौं !!
Read moreमाई अहाँक नेह अनमोल , जेकर नै रहल कोनो मोल ! सौसे दुनिया हम घुमि एलौं , मिल ऽ ल नै कतौ एहन स्नेह !! मिठगर बोली रातिक ऽ लोरी , आरे निन्दिया चोरी - चोर…
Read moreई शायरी प्राप्त करि !
Read moreसहिद सब सदा अमर रहे, मधेशक जन - जन में प्रण रहे ! ई देश रहे संग मधेश रहे, पर सोषक के नै निशान रहे !! ।१ । ई जान रहे अभिमान रहे, पर मधेशी के एक शान रह…
Read more__.✍ विन्देश्वर ठाकुर जनकपुर धाम (नेपाल) हाल : दोहा, क़तार ठण्डाके मौसम, ताहिपरसँ रातिक ऽ समय चारुदिस धोनही लागल कान -कान नै सुझय ते सबगोटे स…
Read moreकिया अहाँ हमरा सँ जुदा भ ऽ गेलौं , किया हमरा सँ खफ़ा भ ऽ गेलौं ! तोड़ि क ऽ हमर दिल, छोड़ि क ऽ हमर साथ किया अहाँ फिर बेवफ़ा भ ऽ गेलौं !!
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