__ ✍ राजदेब राज तूं सत्ते कहै छलह हउ दमोदर दुख मे संग छोरि देथून सहोदर साँझे केवार बन्न क' सुत' बेटो - पुतौह नै …
Read moreकोइली सन मधुर स्वर अहाँ के ..! पातर रसगर ई ठोर अहाँ के ..!! भअोह धनुहियाँ रूप मधुशाला ..! वनफुल गमकैए अोर अहाँ के ..!! भगतीभावय बड्ड पियरगर ..! …
Read moreहे मिथिलावाशी अपन पहिचान बचालु ! सस्ता महग सब बिकैत अछि, अपन इमान बचालु !! अमूल्य हिन भाव अछि पैसाके कोनो मोल नय ! नैतिक-अनैतिक एकठाकऽ अपन जान बचालु !! …
Read moreप्रेममें जियवला खुश नसिब अछि , प्रेममें मरैवला भि ऽ अजिब अछि ! अजिब अछि हमर दास्तां !! हमर साजन दूर रहियोक ऽ भि ऽ , हमर दिल के करिब अछि !!!
Read moreधनिकऽकऽ बेटी भेलै सियानी , पढि लिखकऽ भेलै ओ ज्ञानी ! तें अक्षर - अक्षर जोड' दिअ , बाबू यौ हमरा पढ' दिअ !! हमरा पऽ करू अहाँ आसा , नै करब हम अ…
Read moreअहिं छी जीव के आस प्रिय ! हम केलौ अहिं पऽ विश्वास प्रिय !! प्रेमकऽ ई फूल हृदय में फूलाकऽ ! करेलौ प्रेमकऽ एहसास प्रिय !! मोनकऽ ई बात कहै छी अहाँ के ! …
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