हम अतेक बुझितो छवि : मैथिली कलाकार - सरिता साह अपन मन घबाह कर पऽ बिवस भगेलहुँ । कि तोरा मनमे धोंइध छौ जतऽ पहिलेसँ कतोको मन घायल छै तोहर चेछरल घा…
Read moreठोरहक बंद मुस्की हम, निहारैत गेलौं प्रीतम अहाँक प्रीतमे मन, हारैत गेलौं फटकारले अपन इ नयनसँ, अहाँक अंग अंगकें मटक सभ, बिचारैत गेलौं एक - एक नयनक प…
Read moreजगले छी भगले छी अँहु आउ तकले छी छोडब नै लगले छी धनकल नै पकले छी संगे रहब बँटले छी ___________________________________________ __.✍ राम सोग…
Read moreठोरहक बंद मुस्की हम, निहारैत गेलौं प्रीतम अहाँक प्रीतमे मन, हारैत गेलौं फटकारले अपन इ नयनसँ ,अहाँक अंग अंगकें मटक सभ,बिचारैत गेलौं नयनक एक एक पलक गिनिक…
Read moreशब्द जोरिते-जोरिते कतेको पंक्त बिगारिदेलीयै अहाँ पऽ गज़ल लिखेला कते कागज फारिदेलीयै मुदा, निखारि नहि' सकलहुँ अहाँक रुपके महल नई जानि' कतेको मनमे…
Read moreबिन्ती हे माँ सरस्वती, जिनगी हमर समहारि दिय हम अज्ञानी ज्ञानक दिप अहाँ, अहिबेर बाइर दिय आखिँ देखतो आँन्हर छी, अहाँक आशिष बिनु कोन जुक्ति लगाक हम इ अहाँ …
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