कोन बसात बहलै सब किछु उड़िया लऽ गेलै दैवा हमर जिनगीक खुशी क्षणहि उड़ा लऽ गेलै । बैसल कानि' रहल छी अप्पन दुर्दशा देख रहल छी नेह चिरई के हमरा सँ बेदर…
Read moreरे भाइ एक दिन हमहुँ अमिर बनबै अपना जिनगी`के अपने तकदिर बनबै भल्ही छि हम दुःखक रड जका फेकल धधकैत आगिमे पिघला कऽ जन्जिर बनबै असहाए के सहयोग कऽ झोली …
Read moreगरम परोठा मक्खन वाला, भोरे-भोर अजमाऊ। आ भोजन में दाईल-भात-घी, तीमनक संग में खाउ। तखनहि भेंटत पूर्ण विटामिन, पोषक तत्व अहाँ पायब। दिनभर उड़…
Read moreआँखि' - आँखि' सँ इसरा चलि' गेलै, नज़र के तीर दिल पऽ गडि' गेलै ! अधूरा छल अहाँ बिन हमर जिनगी, एलौं तऽ ई जिस्म के जान मिल गेलै !!…
Read moreबाबू हौ नई हम जईवो काम करैला हमरा लिखा दा स्कूल मे नाम सबगोटे जाइ छैक स्कूल पढ़ हमरा कईला, करबैत छा काम धन्दा हौ बाबू ! लिखादा स्कूल मे नाम हौ बाबू …
Read moreदिल सँ दिल मिल'लऽ प्रेमक' बैसार भेलै । रहि असगर हम कतेक दुलार भेलै ।। एतेक दिन छलै प्रेम दिलमे नुकाएल । आई जन जनके बिचमे देखार भेलै ।। आँखि'…
Read moreबिधना लिखल मेटल नहिं जाय !!
Read moreई शायरी प्राप्त करि !
Read moreकहुना - कहुना जिनगी जि रहल छी फाटल करेज प्रेमक धगासँ सिरहल छी शायद दोख हमरे रहे जान यै, तें अहाँक देल जहर अमृत समझिक पि रहल छी …
Read moreगेल माघ २९ दिन बाँकी....
Read more© All Copyrights reserved to Mithilanchal Shayari | Designed by Anand Sharma
Social Plugin