ताराक बूनका रातुक सियाही चान एसगर कते छै सोचू किए हम लोक ओम्हर कते छै एम्हर कते छै छोड़ि चतुरंगिनी सेना पार्थ मांगि लेलकै जे केशव जीति सकलै की कौरव धूआ स…
Read moreपडल महंग जे कनी हंसि गेलहुँ हम अोकर प्रेमक जाल मे फसि गेलहु हम !! छै अोकर प्रेम पाकिस्तानी सुरूङ सन बिच बाटेमे जा मिता धसि गेलहुँ हम !…
Read moreआँखिक काजर कि बनी ठोरक लाली हम रही स्वतन्त्र कि करी अहाँक गुलामी हम पुवासन फुलल गाल नै जानि ककरा ला' देखैत छी अहूंके बनल मतबाली हम मारैय जोबन हिलो…
Read moreदाया अहाँ करियौ मैयाँ, ज्ञानक दीप के जराबु हे ! बिद्याक सागर अहिँछी मैयाँ, हमरो ज्ञानी बनाबु हे !! हंसवाहन कमलविराजन, बिणा पुस्तक धारिणी ! अज्ञानता क…
Read moreई शायरी प्राप्त करि !
Read moreकनिक मुस्कुराबि देब, New Year सँ पहिने हरेक गम के बिसरि जाएब, New Year सँ पहिने नई सोंचु के-के अहाँक दिल दुखइने अछि, सब के माफ करि देब, N…
Read moreहमरा सँ ऐना किए भेलौं नराज ये, अाब नै सहतै हमर दिल अहाँ सँ दुरी ये ! ई जिनगी लगैय अहाँ बिन उदास ये, किए नै बुझैत छी हमर दिल के बात ये ! कोइली जेहन मिठग…
Read moreनै जानि ई जिनगी सिखा गेलै की की गजलके नाम पर लिखा गेलै की की पैसा लेल बेचलहुँ हम श्रम आ पसिना कि पता आरो बिका गेलै की की लूटल जवानी प्रव…
Read moreहमरा लेल बिरहक आगि में किए जरैत रहब ! कहिया तक अहाँ एना घुटि-घुटिक मरैत रहब !! आकाशक तारा बनि जाएब एक दिन हम ! तब धर्ती सँ अहाँ हमरा सद…
Read more© All Copyrights reserved to Mithilanchal Shayari | Designed by Anand Sharma
Social Plugin