मास फागुनमे कचकैए मोन सजना मास फागुनमे । कुहकै कोइलिया लागय रिंगटोन सजना मास फागुनमे ।। रंग अबीरक पठबै फोटो । पैघो रभसै रभसै छोटो ।। एसगरमे राति अकाबोन…
Read moreपल-पल हरपल अहाँक इंतज़ार कएलौं, हमर करेजसँ पुछु, कतेक अहाँसँ प्रेम कएलौं ! छोडिक' त ऽ चलि' गेलौं अहाँ जिनगीक डगरसँ, अहाँक कि मालुम अहाँ प ऽ …
Read moreदहेजक' नाम पऽ देखु भिख मांगि' रहल छैक संस्कार छोड़ि' पैसाकऽ पाछु लागि' रहल छैक घर-घरारी सब बिका गेलै परिवार पालऽ मे बेटि…
Read moreनैनमे काजल बनाकऽ हमरा बसाबि' लिय ठोरक मुस्कान बनाकऽ हमरा हसाबि' लिय अहाँक देख - देख कऽ जिनगी काटि' लेब…
Read moreअप्पन मिथिलाधाम छै बहुत महान यौ, स्वर्ग सँ सुन्दर अप्पन मिथिलाधाम यौ !! राजा जनक, माँ जानकी ऋषि मुनि सब, जन्म लेने छथि एहि धरती पर यौ !! मिथैली भा…
Read moreदेह सँ देह सटिते , देह इनहोर भऽ गेलै राति पडल छलै भारी, चटसँ भोर भऽ गेलै बड अजगुत लागल, चारु नयनक भाषा मिलते चारु अन्हारीया, राति इजोर भऽ गेलै…
Read moreफागुनमे सईयाँ कएलौं वादा गेलौं अहाँ छोडि के संगे रहितौं तऽ बियर पियैबती ओठलाली से गिलास भरि के उराबै छलै रंग संगे सखिहो सहेली हम छलौं घरमे बैठल एकेल…
Read moreहे लोकक विश्वास घात नै करियौ सूथनीसनके बात नै करियौ बैसल छै सब मिलिक' एहिठाँ जहर घोरिक' कात नै करियौ अखना अखना भऽ जेती मिथि…
Read moreअहाँक प्रेमक' पियासल छी प्रिय, निंद नै आबै तें जागल छी प्रिय ! यादमे अहिंक तडैप काटि' रहल छी जिनगी, ऐना नै कहु की अहाँक छोडि' भागल छी प्रि…
Read more© All Copyrights reserved to Mithilanchal Shayari | Designed by Anand Sharma
Social Plugin