जे देखलहुँ बढ सान देखलौ । आजुक दिन चौठी चान देखलौ ।। श्रद्धा भाव सँ उपास रहै माए । आँगन बिच पकवान देखलौ ।। वेञ्जन सँ सजल रहै डलिया । तैपर सँ पान मखान …
Read moreनीपल मोनक' अंगनामे कएल भावक' ठाँओ बीच नेहक' अरिपन पर पसारि' सिनेह व्यंजन ओ लेसि' श्रद्धा दीप बैसल छी हम । हँ, बैसल छी ओकरे प्रतीक्…
Read moreएलैय मिथिलामें पावनि' चौठीचाँन, घर-घरमें पकतै खिरपुरी पकवान ! भरि डाली चढेतैय फल-फूल, धूपदानीमें जरेतैय सरऽर गूल !! छाँछीसंग कौरनामें दही चढेतैय, …
Read moreब्याकुलता संग छटपट दा कहु ककरा मोनक ओ हर अटपट दा कहू ककरा आन उपरागि त बस नै अपनो सब छैहे अपनोे सँ आब खटपट दा कहू ककरा …
Read moreई शायरी प्राप्त करि !
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Read moreदिलक' दर्द जुवान प ऽ लाउ कोना। देने अछि घाउ गीत गाउ कोना।। बड रंग बिरंगी अछि चाल हुनक। धागा टूटि' गेल आब रंगाउ कोना।। बि…
Read moreकाँट सँ भरल तलाबके बाते नै करू दिल तोरि' गेली जनाबके बाते नै करु सियाह भेल बादल बर्षलै नै कोना धोखा ओ दैत गेली तनाबके बाते नै करू आइर बनोने ओ बड डैर…
Read moreकहिँ हमरो जौ बहिन रहैतियै आइ एहेन नञि दिन रहैतियै॥ बन्हाबितौ रक्षाक' बन्हन हमहुँ, खाली हाथ ई रङ्गीन रहैतियै॥ उतारितै नजैर-गुजैर लगा टिका, जीवनपथ न…
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