करम के डोर सँ बान्धल अछि जिनगीकऽ एक कहानी जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही भाग ~ ५ ( राजा महलकऽ भीतर जाइत अछि आ बेटी सँ पुछैत छथि । ) राजा…
Read moreभरि साल ओ रहली सासुर नैहर आब बजाबू एलै देखियौ खरनाके दिन सामा चलू बनाबू छोटकी बहिनो हंस बनाबू जेठकी दिदी चकेबा हम बनाबी ढोलकियासब भौजी बनबू चुगला …
Read moreएक दिन के मेला में अतेक बड़का झमेला हरा गेलै हमर कनियाँ कहबै बेटी के अलाउंस करेला © एस के मैथिल
Read moreसीताके इ पवित्र भूमि, बुद्धकऽ कहाबे पावन धाम ! घर - घर जत तिलकोर तरैये , गाछमे लटकल मिठगर आम !! सुरबीर जै धरतीके बेटा , बुघिमानीके बढका बगान ! लोरिकऽ,…
Read moreमईया के सोभे लाल चुनरी आ सोभे गलामें गिरमल हार ! अप्पन मिथिलाञ्चलकऽ पावन धरती पर , मईया अइली होके शेर सवार !! © एस के मैथिल…
Read moreपूजाकऽ थाली रसोई में पकवान , दौरा में लऽकऽ चलू छठिकऽ समान ! हाथ में फुलझरी ललू अाई चमकतै जहान , घाट पर अौता अाई सुरूज भगवान !! [ १ ] सफलता कदम चुमैत रह…
Read moreकरम के डोर सँ बान्धल अछि जिनगीकऽ एक कहानी जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही भाग - ४ ( मेनुका अप्पन पति के लऽक बुढ़िया माँ संगमें हुन्का घरमे…
Read moreभेल छै अन्याय सब बेस जानि रहल छै , हक़ अधिकारला मधेश कानि रहल छै !! जेकरे घर, ओहे भेल छै घर सँ बंचित , खस सासक छातीमें गोली तानि रहल छै !! जेकरे कर सँ …
Read moreकिनको पैगाम के दिल सँ पढ़ि लिअ , किनको चाहत के एहसास कऽ लिअ ! प्रेमक प्यासल छी हम अहाँ , अप्पन छाती सँ साटि लिअ , नैन सँ नैन मिलाकऽ मिठगर बात…
Read moreकरम के डोर सँ बान्धल अछि जिनगीक ऽ एक कहानी " जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही " भाग - ३ ( बिहाने होइबते मेनुका अप्पन पतिके ल ऽक अ…
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