__✍ सुरज कुमार " प्रितम " नै भेल प्राण जान कत' सँ हेतैं ! गुरु बिनाक' ज्ञान कत' सँ हेतैं !! बहुत सुनौँलक' गीत ग…
Read moreहसेलक' गुरु कनेलक' गुरु जीनगीमें बहुत कुछ सिखेलक गुरु ।। पढ़ेलक' गुरु लिखेलक' गुरु अन्हारोमें रस्ता देखेलक' गुरु ।। हमर मात…
Read moreसाओन मास आबिए गेलै पिया कें संदेशो ने एलै कि आहो रामा .......... अस्गर ई सावन कोना काटब हो राम कि आहो रामा .......... सुख - दुःख ककरा संगे बाटब हो राम …
Read moreहम जागल एत ओ खुजले आँखि सुतल हेतै नैन बर्साबैत नोरक धार चाँन हमर रुसल हेतै सपना जे साचि' ओ आएल रहै अँगन…
Read moreआई कतेक बरख पर चान जगलै । मन्दिरमें सुतल ओ भगवान जगलै ।। जे कम्मल तरमे घीऽ पीबै जेठ माहमे । एकैह ललकारमे ओ इंसान जगलै ।। शान्तिक लेल जे मांग करै क्रांत…
Read moreजा रहल छि हम कैलाश, भोला के बोलाब, बढ़ि रहल छै धरती पर पाप भोला के बताब। अहूँ चलवै साथ तऽ हिम्मत बढ़ि जेतैय रस्ता सेहो निक जेका कटि जेतैय बढ़ि जेतैय ताकत च…
Read moreनिज भाषा निज माटि, पानि के, हम सब मिल सम्मान करी ! अपनहि …
Read moreभोरे उठिते जकर चेहरा पसरि जाइय हमरा आँखिमे । सुरुजक लालीसंगे जकर मुस्कान करैए टहटह हमर ठोर पऽ ओ दोसर के छै ? बस अहीँ त छी । हमर जिनगी एकटा चौरा…
Read moreओहे, कमला नदिके बाँध, ओहे, गामक पिपलकें छैयाँ । मनतँ हमर, अँहिमे डुबल, अहाँ भेलौ केहन कसैया ?।। हम अखनो अहाँकें, ओहिठाम, इन्तजार करै छि । जै बागम…
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