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मुश्कान अहाँके हमर , दिल धड़कबैत अछि ! अहाँक ऽ जुदाई हमरा , बहुत तड़पबैत अछि !!
Read moreमोहनी रुपक' जादुसँ लोभा गेलय, जनबो नै केलयै ओ कखन मन चोरा गेलय ! नै मानय छलौं, गप ऐहनो होबैत अछि, ओ जा'कऽ दुर प्रेमक' ऐहसास करा गे…
Read moreगाम अप्पन त'अ गामे अछि, सहरक त'अ बस नामे अछि। गामक पोखैर उमकि नहायब, मायक हाथक रोटी खायब सबटा आब अरमाने अछि। गाम अप्पन त'अ गामे अछि.…
Read moreजीनगीमें की छै, दर्द छै पीड़ा छै ! हँसी की, खुशी की, गरीबकें एहने कथा छै !! जीनगीमें की अप्पन, अपनों अखन बेपता छै ! साँचे कहैत छि हम, गरीबके एहने कथा …
Read moreजे देखलहुँ बढ सान देखलौ । आजुक दिन चौठी चान देखलौ ।। श्रद्धा भाव सँ उपास रहै माए । आँगन बिच पकवान देखलौ ।। वेञ्जन सँ सजल रहै डलिया । तैपर सँ पान मखान …
Read moreनीपल मोनक' अंगनामे कएल भावक' ठाँओ बीच नेहक' अरिपन पर पसारि' सिनेह व्यंजन ओ लेसि' श्रद्धा दीप बैसल छी हम । हँ, बैसल छी ओकरे प्रतीक्…
Read moreएलैय मिथिलामें पावनि' चौठीचाँन, घर-घरमें पकतै खिरपुरी पकवान ! भरि डाली चढेतैय फल-फूल, धूपदानीमें जरेतैय सरऽर गूल !! छाँछीसंग कौरनामें दही चढेतैय, …
Read moreब्याकुलता संग छटपट दा कहु ककरा मोनक ओ हर अटपट दा कहू ककरा आन उपरागि त बस नै अपनो सब छैहे अपनोे सँ आब खटपट दा कहू ककरा …
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