गज़ल - भेल छै अन्याय
Maithili Shayari - किनको पैगाम के दिल सँ पढ़ि लिअ
जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही, भाग ~ ३
|| पढ़ु लिखू ||
|| संघर्षक' पथ पर ||
|| जंग के ऐलान करैत छी ||
|| गाम - नगर में ||
गज़ल - चलु अन्तिम साँस धरि लडाइ लडब सङ्गी !!
|| मिथिलानी ||
जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही, भाग ~ २