मिथिलाके अछि शान विद्यापति हमरासबहक जान विद्यापति गम गम गमकै छैक ई भाषा मैथिलके पहिचान विद्यापति पसरल सगरो गीत छै हुनकहि संगीतकऽ सुर-तान विद्यापति …
Read moreअनेक किसिमकऽ भाषन दऽकऽ, विश्वास सबके करेलौ अहाँ ! कुर्सी पाछा बेहाल रहैछि, भोट लऽकऽ परेलौ अहाँ !! अासा छल बड़ हमरा सबके मिथिला मे नव भोर होतै ! सबहक सप…
Read moreयौ जी एखनो कि सोचैछी , बेर-बेर किय माथ पिटैछी ! रङ्गभूमिमे तान्डब्य मचल अछि , अहाँ कोना विश्राम करैछी ? [ १ ] मिथिला जननी खूब कनैय , आखिसँ श्रवन नोर ब…
Read moreकरम के डोर सँ बान्धल अछि जिनगीकऽ एक कहानी जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही भाग ~ ५ ( राजा महलकऽ भीतर जाइत अछि आ बेटी सँ पुछैत छथि । ) राजा…
Read moreभरि साल ओ रहली सासुर नैहर आब बजाबू एलै देखियौ खरनाके दिन सामा चलू बनाबू छोटकी बहिनो हंस बनाबू जेठकी दिदी चकेबा हम बनाबी ढोलकियासब भौजी बनबू चुगला …
Read moreएक दिन के मेला में अतेक बड़का झमेला हरा गेलै हमर कनियाँ कहबै बेटी के अलाउंस करेला © एस के मैथिल
Read moreसीताके इ पवित्र भूमि, बुद्धकऽ कहाबे पावन धाम ! घर - घर जत तिलकोर तरैये , गाछमे लटकल मिठगर आम !! सुरबीर जै धरतीके बेटा , बुघिमानीके बढका बगान ! लोरिकऽ,…
Read moreमईया के सोभे लाल चुनरी आ सोभे गलामें गिरमल हार ! अप्पन मिथिलाञ्चलकऽ पावन धरती पर , मईया अइली होके शेर सवार !! © एस के मैथिल…
Read moreपूजाकऽ थाली रसोई में पकवान , दौरा में लऽकऽ चलू छठिकऽ समान ! हाथ में फुलझरी ललू अाई चमकतै जहान , घाट पर अौता अाई सुरूज भगवान !! [ १ ] सफलता कदम चुमैत रह…
Read moreकरम के डोर सँ बान्धल अछि जिनगीकऽ एक कहानी जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही भाग - ४ ( मेनुका अप्पन पति के लऽक बुढ़िया माँ संगमें हुन्का घरमे…
Read more© All Copyrights reserved to Mithilanchal Shayari | Designed by Anand Sharma
Social Plugin