Maithili Shayari - मनक अरमान तऽ इहे छल की
|| बाबू यौ हमरा पढ' दिअ ||
जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही, भाग ~ ७
|| जय मिथिला ||
चरिपतिया ~ ४
|| चिन्ता कि के अछि ? ||
चरिपतिया ~ ३
गज़ल ~ अहिं छी जीव के आस प्रिय
गज़ल ~ बैसल हाथ पऽ हाथ राखि रहब कतेक दिन
 गज़ल ~ आब तऽ असगर जीब मुस्किल यऽ मिता