दुर रहैत छि हुनके संग में , नेह बसल अछि अंग अंग में !! तन मन रंगल अछि हमर, अहि केर रंगल ओहि रंग में !! कतबो सम्हारइ छि अपना के, रहि नहि पबै छि…
Read moreदोस्ती के दास्तान जब कोई सुनायत , सब सँ पहिने अहिंक ऽ नाम आयत ! और दोस्ती करैय सँ पहिने सब , अप्पन दोस्ती के कसम खायत !!
Read moreहे मिथिलावाशी अपन पहिचान बचालु ! सस्ता महग सब बिकैत अछि, अपन इमान बचालु !! अमूल्य हिन भाव अछि पैसाके कोनो मोल नय ! नैतिक-अनैतिक एकठाकऽ अपन जान बचालु !! …
Read moreजगैत मिथिला, सुतैत मिथिला उठैत मिथिला, बैठैत मिथिला साँझकऽ मिथिला, रातिकऽ मिथिला ! जखने तखने एहिना सजल रहे हम मैथिलके ठोरह पर मिथिला !! जान मिथिला, प्राण …
Read moreहाल जिनगीके कि हम बताऊ राधा , मोन होइय जिवते मरि जाऊ राधा॥ लागैय चहुँओर गुजगुज अन्हरिया , नेहकऽ दिप लेसने अहाँ आऊ राधा॥ पागल सन अनेरे तकैत छी सगरो , …
Read moreRead more
एकदिन सोनु मोनु गाउँ सँ बाहर घुमेबाक लेल गेल छल। बाट्में एगो पैघ आदमी अप्पन कपार के पत्थर प ऽ खूब जोर सँ पिट रहल देखिक ऽ सोनु कहैत अछि ! सोनु : रे ! मो…
Read more__.✍ एस के मैथिल स्थान : जनकपुरधाम-१ सिता चौक, शिवपथ रोड, धनुषा (नेपाल) पिरितिया सारिका अखन धरि ऑनलाइन नै एलै ! ओ त' व्हाट्स एप्प कयने छ…
Read more__.✍ विन्देश्वर ठाकुर जनकपुर धाम (नेपाल) हाल : दोहा, क़तार माघ महिना, शनि दिन चारुदिस घोकसी आ धोनही लागल रहैक । एहनमे सीरक,बलैंकेट आ घुरसऽ बाहर…
Read moreहिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई , एत: कहलबैत अछि भाई-भाई ! मिथिलाकऽ संस्कार जनहितमें समर्पित , प्राण जाई मुदा वचन नै जाई !! © एस के मैथिल
Read more© All Copyrights reserved to Mithilanchal Shayari | Designed by Anand Sharma
Social Plugin