ई शायरी प्राप्त करि !
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Read moreदिलक' दर्द जुवान प ऽ लाउ कोना। देने अछि घाउ गीत गाउ कोना।। बड रंग बिरंगी अछि चाल हुनक। धागा टूटि' गेल आब रंगाउ कोना।। बि…
Read moreकाँट सँ भरल तलाबके बाते नै करू दिल तोरि' गेली जनाबके बाते नै करु सियाह भेल बादल बर्षलै नै कोना धोखा ओ दैत गेली तनाबके बाते नै करू आइर बनोने ओ बड डैर…
Read moreकहिँ हमरो जौ बहिन रहैतियै आइ एहेन नञि दिन रहैतियै॥ बन्हाबितौ रक्षाक' बन्हन हमहुँ, खाली हाथ ई रङ्गीन रहैतियै॥ उतारितै नजैर-गुजैर लगा टिका, जीवनपथ न…
Read moreओ दिदी के दुलार छै एखनो ! ओ बहिनक' प्यार छै एखनो !! अलग भेल छी बियाहक' बाद सँ मुदा तैयो बन्धन बान्हल अछि राखीक' त्योहार सँ एखनो !! सदिखन ल…
Read moreइ बन्धन अनमोल अछि ! जे सौसे जगमें सोर अछि !! भाइ बहिनके प्रीतसे बनल ! इ राखीके डोर अछि !! इ कतेक सुनर बोल अछि ! जे भाइ बहिनके जोग अछि !! भाइ बहिनके प्…
Read moreभाई-बहिनक' प्रेम भरल छै लिअ ने एकरा अर्थ अनेक एक दिन ला' सालमे आबए तें तऽ छै ई पर्व बिशेष । थाल सजल छै लड्डु रखल छै लाल चन्दनसँ माथ रङ्गल छै ह…
Read moreसुतलामे देखलौं, आई ऐहन सपना राखी लेने बहीन, ठाड छलै अंगना निपल पोतल छलै, घर आ असोरा पिढिया पऽ गढल छलै, पिठारक' छपना काग कुचरैत छलै, आश बढैत छलै बा…
Read more__✍ आरती झा आइ रधिया माय समयसँ पहिने आबि गेल छल काज करय । कारण पुछलहुँ तऽ बड्ड हुलसि के' बाजल, "मलिकाइन, आइ रध…
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