लघु कथा ~ सुखीया
गज़ल ~ हम कटहरके कमरी
|| आबि अहाँ तऽ ईद करब ||
गज़ल ~ भोर भेलै से भेलै ओ भेलै कोना !!
|| मोहनी मुस्कान ||
【 कता ~ ३ 】
गज़ल ~ समाजक' नाङ्गैरकट्टा अगुवा
गज़ल ~ कोन आँखि खोललियै भोला
|| भुलचुक ||
काका मारल गेला पहिले कन्यादान में