ओ दिदी के दुलार छै एखनो ! ओ बहिनक' प्यार छै एखनो !! अलग भेल छी बियाहक' बाद सँ मुदा तैयो बन्धन बान्हल अछि राखीक' त्योहार सँ एखनो !! सदिखन ल…
Read moreइ बन्धन अनमोल अछि ! जे सौसे जगमें सोर अछि !! भाइ बहिनके प्रीतसे बनल ! इ राखीके डोर अछि !! इ कतेक सुनर बोल अछि ! जे भाइ बहिनके जोग अछि !! भाइ बहिनके प्…
Read moreभाई-बहिनक' प्रेम भरल छै लिअ ने एकरा अर्थ अनेक एक दिन ला' सालमे आबए तें तऽ छै ई पर्व बिशेष । थाल सजल छै लड्डु रखल छै लाल चन्दनसँ माथ रङ्गल छै ह…
Read moreसुतलामे देखलौं, आई ऐहन सपना राखी लेने बहीन, ठाड छलै अंगना निपल पोतल छलै, घर आ असोरा पिढिया पऽ गढल छलै, पिठारक' छपना काग कुचरैत छलै, आश बढैत छलै बा…
Read more__✍ आरती झा आइ रधिया माय समयसँ पहिने आबि गेल छल काज करय । कारण पुछलहुँ तऽ बड्ड हुलसि के' बाजल, "मलिकाइन, आइ रध…
Read more__✍ आनन्द राम राखी सँ छि थाली सजौने, फल फूल मिठाईसँ डलिया । चंदनसँ छि कटोरी सजौने, कखन एत: हमर भइया ।। चिक्नी माटिक' छि चौरा…
Read moreआइ फूल अपन ब्यथा सुनबै अछि ! कोना'क जीवन अपन बितबै अछि !! कांटक बीचमे रहि नमहर भेलै ! आबि'क वो भमहरा रस पीबै अछि !! किनको खोपाके सुन्दरत…
Read moreभैया हमरा सँ दूर अछि मुदा मन मे पूर्ण विश्वास अछि रक्षा बन्धन के दिन भैया निश्चय हमरा गाम आएत संग मे प्रेम दूलारक भंडार लाएत [१] आइ मोन बड हर्षित अछि …
Read moreओ हात-हात नै जै हातक' कलाइ प ऽ , बहिन सँ बान्धल राखिक' डोर नै ! भाइ आ बहिनक' रिस्ता जका, कोनो रिस्ता चारु जगतमे कौनो ओर नै !!
Read moreसबहक भाई के देखिक' कनैत होतै दीदी ! बाट' मे नयन बिछाक' दिन गनैत होतै दीदी !! ठोर मुह सुखौने निराश भेल होतै ! जखन चौका लगाव लेल पिठार …
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