कखनो अहाँक अपनाबकऽ लेल कनली तऽ कखनो हम अहाँक अपनाकऽ कनली हियामे हम सजौने छली हजार सपना सभ सपना नोरक सँग बहाकऽ कनली एक तर्फी प्रेम छल हमर हमरा लगैय ते…
Read moreदिलमें बसल छलै ओ आई दीदार भऽ गेलै - २ की कहु हम मिता यौ हमरा ओकरे सँ प्यार भऽ गेलै - २ दिलमें बसल छलै ओ आई दीदार भऽ गेलै की कहु हम मिता यौ हमरा ओकरे…
Read moreअयोध्या सँ एलै बराती निक-निक पेहान यौ ! राजा जनकजी के आगा ठाढ़ छै श्री राम यौ !! राजा जनकजी के आगा ठाढ़ छै श्री राम यौ !! राम, लक्षमण, भरत, सत्रूधन सब…
Read moreनेह प्रीतक लगाक' मुह मोरि लेलौं किया ! प्रेमक रोग लगाक' अहाँ छोरि गेलौं किया !! मनो नई लगैय इजोरिया राति में हमर जिनगी अन्हार बनेलौं किया ! …
Read moreनै पुछ मिता कि - कि कहानी छै हमर बालु पऽ साम चढबैत जवानी छै हमर मरुभूमिमे बालुके घोंरस्ँ दही जम्बै छी हम लोक पतीयाइ कहाँ ? …
Read moreअपना अस्थाके निरंतरता दऽ रहल छै मैथिल अही प्रकारे जेना बर्षेनी बहैत नदिके पानि' जे शुरुवाती छोडसँ महासागर तक बहैत रहैय अटुट भऽ विज्ञानके निक जकाँ …
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छवि : सरिता साह जान की जान सँ बैईढ कऽ मानैत छली ओ छै निर्दय साच्चो हम नै जानैत छली ओ पीठ पाछु छुरा घोपै से हमरा की पता आ हम सदति दुवामे ओकरे माँगैत छल…
Read moreकखनो रूसनाई कखनो मनेनाई हुनकर कखनो हँसनाई कखनो कननाई हुनकर बाँचल जिनगी एहिना बीतल जाई अछि एक मात्र नोर नहि देखल जाईयै हुनकर । महिन ताग सँ गुँथल अछि सम्…
Read moreई शायरी प्राप्त करि !
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Read moreअइबेर के वैलेंटाइन डे में किछ अलग होतै दबल मोनमे आस छल जे नै भेलै पिछला साल से होतै याद अछि हमरा उ पल दू पंछी के कोना उड़ैल कै कोना कऽकऽ छुपल छलौ मार…
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Read moreदम मारु दम बस दम मारु दम बाबा भोलेके छै प्रसाद तब कथिके छै गम दम मारु दम बस दम मारु दम हम ना समझ छि आ हम छि अज्ञानी बाबा भोले छथि तिनो लोकके स्वाभिमानी…
Read more__. ✍ विन्देश्वर ठाकुर जनकपुर धाम (नेपाल) हाल : दोहा, क़तर - भुली गै ! आइ कोन दिन छै ? - आँए रौ, बुझिक' एना अनठबैछे किए ? सोम नै छै…
Read moreआँगनक तुलसी कोन कारणे, आई भेलै महकारी दहेजक हावा ऐहन चललै,बेटी आई भेलै भारी तुलसी इ तुलसी खेलसँ, तुलसीक बिज तारल जाई कि तँ कोडियाईते आ लहलहाइते, फेर मार…
Read moreडिजे बजतै डांस होतै आधा राति' सँ पार्टी करबै हबेली पऽ । १४ फरवरी के ब्रेकअप पहिल बर्षगाठ बनेबै हबेली पऽ ।। शाकाहारी, मांसहारी दुनु प्रकारक भरपुर बेवस…
Read moreकलाकार : कृष्णा कुमार महतो आ रामा हमरो मन करैय कि हमहु किनको सँ प्रेम करितौं !! नयन सँ नयन मिला कऽ नैना चारि करितौं, मुदा ई हमर भाग्य में कहाँ ! ई त…
Read moreजखन स्वान्तः सुखक सिमान नाघि आनक उपहासक नीमित बनि जाइछ, ठोर पर अरिपन सन पारल मुसकी जखन अहंकारक अट्टहास गढ़ैछ तखन ओकर हँसब मात्र हँसब नहि रहि जाइछ ओक…
Read moreजाड़क अलसाएल भोरमे माघक घनघोर कुहेस सन हमर मन-मिजाज मे पसरि गेल छी अहाँ बाबाक सझिया खेतक एक पैरिया आरि पर जन्मल हरियाएल कोमल दूभि पर जमकल ओसक बुन्न …
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