मुह देखैला अहाँ के सजना , कछमच मन करैय ! बिना अहाँ सँ बात कयने , आँखिमें जेना निन नै होइय !!
Read moreकरम के डोर सँ बान्धल अछि जिनगीकऽ एक कहानी जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही भाग ~ ८ ( साँझ होइते राक्षस अपन बासस्थान पर वापस आवै छथि आ अपन बेटी…
Read moreबिगत दू साल सँ सात समुन्दर पार ई मरुभूमिकऽ देश में अपन श्रम बेच रहल हम आइ हमरा घर जेबाक समय पूरा भऽ गेल मुदा - तैयो मोन पूर्ण सन्तुष्टि नै अछि खटकैत…
Read moreस्वर्गसँ सुनर हमर मिथिला जग प्रसिद्ध जनकपुरधाम सीया-धीया जन्मली जहिठाँ ओएह दिव्य अछि हमर गाम __.✍ विन्देश्वर ठाकुर…
Read moreमाई सँ ई दुनियाँ जहान थिक , माई बिनु ई जिनगी हैरान थिक !! घुमि आउ अहाँ सारा दुनिया , माई के चरणमें बसल भगवान थिक !! अपने भुखले सुति अहाँक खुवैलखिन , …
Read moreमिथिलाकऽ शान अछि धोती , मैथिलीकऽ पहिचान अछि धोती ! नै बिसरब हम अपन संस्कार , कियाकी मैथिलीकऽ जान अछि धोती !! नै बदलब हम अपन पहिरन , नै बदलब हम अपन भेष…
Read moreमनक अरमान त ऽ इहे छल की , जीयब मरब अहाँक ऽ संग ! इ जिनगी चलैत रहे अहिंक ऽ हाथ पकैड़ क ऽ , मुदा, किस्मत के इ मंजूर नै छलैथ एलै एहन हवाके झो…
Read moreधनिकऽकऽ बेटी भेलै सियानी , पढि लिखकऽ भेलै ओ ज्ञानी ! तें अक्षर - अक्षर जोड' दिअ , बाबू यौ हमरा पढ' दिअ !! हमरा पऽ करू अहाँ आसा , नै करब हम अ…
Read moreकरम के डोर सँ बान्धल अछि जिनगीकऽ एक कहानी जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही भाग ~ ७ ( नवधिया चलि दैत छथि ओई लाल के जोडी लएबाक लेल । जाएत - जाए…
Read moreहे मिथलावासी मैथिलगण भेलौ अहाँ कोना पथभ्रष्ट ? हे यौ देश कनैय अश्रुधार सुतल छी तैयो मस्त मगन जँऽ आन यै कनियो पुर्खाके तऽ देश ई अप्पन जतन कऽ लिअ कयलौं…
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