Maithili Shayari ~ मुह देखैला अहाँ के सजना
जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही, भाग ~ ८
|| परदेशी मनक' भावना ||
चरिपतिया ~ ५
गज़ल ~ माई सँ ई दुनियाँ जहान थिक
|| मिथिलाक' शान अछि धोती ||
Maithili Shayari - मनक अरमान तऽ इहे छल की
|| बाबू यौ हमरा पढ' दिअ ||
जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही, भाग ~ ७
|| जय मिथिला ||