सुतलामे देखलौं, आई ऐहन सपना राखी लेने बहीन, ठाड छलै अंगना निपल पोतल छलै, घर आ असोरा पिढिया पऽ गढल छलै, पिठारक' छपना काग कुचरैत छलै, आश बढैत छलै बा…
Read more__✍ आरती झा आइ रधिया माय समयसँ पहिने आबि गेल छल काज करय । कारण पुछलहुँ तऽ बड्ड हुलसि के' बाजल, "मलिकाइन, आइ रध…
Read more__✍ आनन्द राम राखी सँ छि थाली सजौने, फल फूल मिठाईसँ डलिया । चंदनसँ छि कटोरी सजौने, कखन एत: हमर भइया ।। चिक्नी माटिक' छि चौरा…
Read moreआइ फूल अपन ब्यथा सुनबै अछि ! कोना'क जीवन अपन बितबै अछि !! कांटक बीचमे रहि नमहर भेलै ! आबि'क वो भमहरा रस पीबै अछि !! किनको खोपाके सुन्दरत…
Read moreभैया हमरा सँ दूर अछि मुदा मन मे पूर्ण विश्वास अछि रक्षा बन्धन के दिन भैया निश्चय हमरा गाम आएत संग मे प्रेम दूलारक भंडार लाएत [१] आइ मोन बड हर्षित अछि …
Read moreओ हात-हात नै जै हातक' कलाइ प ऽ , बहिन सँ बान्धल राखिक' डोर नै ! भाइ आ बहिनक' रिस्ता जका, कोनो रिस्ता चारु जगतमे कौनो ओर नै !!
Read moreसबहक भाई के देखिक' कनैत होतै दीदी ! बाट' मे नयन बिछाक' दिन गनैत होतै दीदी !! ठोर मुह सुखौने निराश भेल होतै ! जखन चौका लगाव लेल पिठार …
Read moreचोर नयन सँ मन चोराव चाहैछी अहाँ के ! अपन मोनक मित बनाव चाहैछी अहाँ के !! मोन मे प्रेमक बादल उमरि' रहल छैक ! वर्षा बनि' भिजाव चाहैछी अहाँ के !! …
Read moreकखन हरब दुःख मोर यौ बाबा कखन हरब दुःख मोर जग सँ थाकि आहिं लग एलऊँ - २ गहल चरण हम तोर यौ बाबा कखन हरब दुःख मोर सबहक आश पुरेलियै यौ बाबा हमरो हरु ने क्ले…
Read moreआएल राखी के त्योहार, संग खुशील'य हजार ! जाएब भैया संग बाजार, किनब समीज सलवार !! थाड़ी आरती के सजाएब, टीका माथा पर लगाएब ! अरिपन अंगना मे बनाएब, ठा…
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