साओन मास आबिए गेलै पिया कें संदेशो ने एलै कि आहो रामा .......... अस्गर ई सावन कोना काटब हो राम कि आहो रामा .......... सुख - दुःख ककरा संगे बाटब हो राम …
Read moreभोरे उठिते जकर चेहरा पसरि जाइय हमरा आँखिमे । सुरुजक लालीसंगे जकर मुस्कान करैए टहटह हमर ठोर पऽ ओ दोसर के छै ? बस अहीँ त छी । हमर जिनगी एकटा चौरा…
Read moreओ अबै छल जे सजिक तऽ भोर रहै छल, मोन गदगद हमर ओ कठोर रहै छल ! लाख मनबैछलौ दिल मनिते नई छल, सदिखन लेटर देब लाऽ बलजोर रहै छल !!
Read moreस्कूलसँ कलेजधरि करैत रही हमसब - धाराबाहिक प्रेम । जेना, करैए निरन्तर फूलसंग भमरा देहसंग चमरा आ प्रेमी संग प्रेमिका । एहिबीच होइत छलै बहुतो रास ग…
Read moreनेह भेलै कोना से ने पुछू नऽ मीत, केश खोलने रहै से हम घबरा गेलौ ! बात कहिते रही दू टा प्रेम सँ भरल, लव यू कहिते मे ठोर जेना लर्बरा गेलौ !!
Read moreहमर गजल अहाँ हमर गीत अहाँ हमर सुर ताल आ संगीत अहाँ मानैत छी हेतै किओ अहूँ सँ दिवगर मुदा हमरा लेल सबसँ पैघ मीत अहाँ …
Read moreई देश छै हमर रहबे करतै मिथिलाके झण्डा फहरैबे करतै यदि सकैछी तऽ भोकि दिअ छातिमे भाला जँ दम अछि तऽ छीन लिअ दू कौर निबाला नै तऽ अही बेर सबटा बदला चुका&…
Read more__.✍ विन्देश्वर ठाकुर जनकपुर धाम (नेपाल) हाल : दोहा, क़तार माघ महिना, शनि दिन चारुदिस घोकसी आ धोनही लागल रहैक । एहनमे सीरक,बलैंकेट आ घुरसऽ बाहर…
Read moreपत्नी : हे यै सुनै छियै ? बजार जाइछी तऽ लिपिष्टिक लेने आएब प्लीज । पति : जा ! जा ! ई कोन नाटक ?? पछिले सप्ताह तऽ अहाँके लिपिष्टिक लाबि…
Read moreस्वर्गसँ सुनर हमर मिथिला जग प्रसिद्ध जनकपुरधाम सीया-धीया जन्मली जहिठाँ ओएह दिव्य अछि हमर गाम __.✍ विन्देश्वर ठाकुर…
Read moreहे मिथलावासी मैथिलगण भेलौ अहाँ कोना पथभ्रष्ट ? हे यौ देश कनैय अश्रुधार सुतल छी तैयो मस्त मगन जँऽ आन यै कनियो पुर्खाके तऽ देश ई अप्पन जतन कऽ लिअ कयलौं…
Read moreमिथिलाके अछि शान विद्यापति हमरासबहक जान विद्यापति गम गम गमकै छैक ई भाषा मैथिलके पहिचान विद्यापति पसरल सगरो गीत छै हुनकहि संगीतकऽ सुर-तान विद्यापति …
Read moreयौ जी एखनो कि सोचैछी , बेर-बेर किय माथ पिटैछी ! रङ्गभूमिमे तान्डब्य मचल अछि , अहाँ कोना विश्राम करैछी ? [ १ ] मिथिला जननी खूब कनैय , आखिसँ श्रवन नोर ब…
Read moreभरि साल ओ रहली सासुर नैहर आब बजाबू एलै देखियौ खरनाके दिन सामा चलू बनाबू छोटकी बहिनो हंस बनाबू जेठकी दिदी चकेबा हम बनाबी ढोलकियासब भौजी बनबू चुगला …
Read more__.✍ विन्देश्वर ठाकुर जनकपुर धाम (नेपाल) हाल : दोहा, क़तार ठण्डाके मौसम, ताहिपरसँ रातिक ऽ समय चारुदिस धोनही लागल कान -कान नै सुझय ते सबगोटे स…
Read moreअपन काजर बना लिअ हमरा ! नैनमें ये सजा लिअ हमरा !! देखिते हम भ ऽ गेलौं पागल ! तें करेजसँ सटा लिअ हमरा !! झुमबै साँझ आ भोरे उठि ! सांसमें बस बसा लिअ …
Read moreअहाँ फुल हम भमरा ! सुनु नै करू झगड़ा !! जरै लोग तखनो ये ! मुदा नेह दिअ हमरा !! अहीं छी हमारा संगी ! अहाँ देह हम चमरा !! हिया चीर देखू जुनि ! अहीं छ…
Read moreपानसन पातर ई ठोर अहाँके ! अहाँ छी चान हम चकोर अहाँके !! जुनि घबराउ सब नीक भ ऽ जेतै ! अहाँ छी राइत हम भोर अहाँके !! संसारक ऽ गति बदलि जाए मु…
Read moreहोलीमें मस्तीके छा यल बहार वाह ! भाई वाह ! ! वाह ! खिलाड़ी वाह ! ! होलीमें मस्तीके छा यल बहार , जीजासंग साली छै सुतल उघार ! बोलो हैया हैया हे स…
Read moreविन्देश्वर ठाकुर मिथिलाञ्चल शायरी के मेम्बर रचनाकार विन्देश्वर ठाकुर जी के रचना सब स्टेप By स्टेप पढ़ि सकैत छी। आ मिथिलाञ्चल शायरी पर अपने सब मैथिली में …
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